अधोमुख श्वानासन
• अधोमुख श्वानासन
अधोमुख श्वानासन को भारतीय योग में बड़ा ही अहम स्थान हासिल है। अधोमुख श्वानासन को अष्टांग योग का बेहद महत्वपूर्ण आसन माना जाता है। ये आसन सूर्य नमस्कार के 7 आसनों में से एक है।
योग की सबसे बड़ी खूबी यही है कि इसके आसन प्रकृति में पाई जाने वाली मुद्राओं और आकृतियों से प्रभावित होते हैं। योग विज्ञान ने अधोमुख श्वानासन को कुत्ते या श्वान से सीखा है। कुत्ते अक्सर इसी मुद्रा में शरीर की थकान मिटाने के लिए स्ट्रेचिंग करते हैं। यकीन जानिए, शरीर में स्ट्रेचिंग के लिए बताए गए सर्वश्रेष्ठ आसनों में से एक है।
अधोमुख श्वानासन मुख्य रूप से 3 शब्दों से मिलकर बना है। पहला शब्द है 'अधोमुख' जिसका अर्थ होता है नीचे की तरफ मुंह करना। जबकि दूसरा शब्द है 'श्वान' जिसका अर्थ कुत्ता होता है। तीसरा शब्द है 'आसन' जिसका अर्थ है बैठना। अधोमुख श्वानासन को डाउनवर्ड फेसिंग डॉग पोज भी कहा जाता है।
• अधोमुख श्वानासन करने के फायदे
1. पेट की निचली मांसपेशियों को मजबूत बनाए
अधोमुख श्वानासन में बनने वाली शरीर की स्थिति को अगर ठीक उल्टा किया जाए तो नौकासन बन जाता है। हम सभी जानते हैं कि नौकासन (Navasana) शरीर में पेट की निचली मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ ही रीढ़ को भी सहारा देता है। ये योगाभ्यास करने वालों को भी वैसे ही लाभ मिलते हैं। ये इन मांसपेशियों को मजबूत बनाने और खिंचाव पैदा करने में मदद करता है।
2. रक्त संचार बढ़ाए
इस बात की तरफ शायद ही आपका ध्यान जाए। लेकिन अधोमुख श्वानासन में सिर दिल से नीचे की तरफ होता है जबकि आपके हिप्स ऊपर की तरफ उठे हुए होते हैं। इस आसन के अभ्यास से गुरुत्व बल की मदद से सिर की ओर नए रक्त की आपूर्ति बढ़ती है। इसीलिए ये आसन रक्त संचार बढ़ाने में मदद कर पाता है।
3. पाचनतंत्र में सुधार
अधोमुख श्वानासन में भले ही शरीर पूरी तरह से न मुड़ता हो, लेकिन फिर भी इस आसन से शरीर के भीतरी अंगों को अच्छी मसाज मिलती है। टांगें मुड़ने के कारण हमारे पाचन तंत्र पर दबाव बढ़ता है। इस आसन से प्रभावित होने वाले अंगों में लीवर, किडनी और स्पलीन या तिल्ली शामिल हैं।
4. हाथ और पैरों को टोन करे
जब आप अधोमुख श्वानासन का अभ्यास करते हैं उस वक्त आपके शरीर का वजन पूरी तरह से हाथों और पैरों पर होता है। इससे इन दोनों अंगों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और वह शरीर का सही संतुलन बनाने में मदद करती हैं।
5. एंग्जाइटी को करे कंट्रोल
ये आसन आपकी रिलैक्स रहने में मदद करता है और दिमाग को शांति प्रदान करता है। अधोमुख श्वानासन एंग्जाइटी से लड़ने में भी बहुत मददगार साबित हो सकता है। इस आसन के अभ्यास के दौरान गर्दन और सर्विकल स्पाइन में खिंचाव पड़ता है। ये स्ट्रेस को दूर करने में काफी मदद करता है।
• अधोमुख श्वानासन करने का सही तरीका
अधोमुख श्वानासन देखने में बिल्कुल वैसा ही दिखता है जब कोई कुत्ता आगे की तरफ झुकता है। इस आसन को करने से हमें कई जबरदस्त फायदे होते हैं, जिन्हें पाने के लिए ये जरूरी है कि आप रोज इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करें। इस आसन की सबसे अच्छी बात यही है कि इस आसन को बेहद आसानी से कोई भी कर सकता है।
• अधोमुख श्वानासन करने की विधि
1. योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद सांस खींचते हुए अपने पैरों और हाथों के बल शरीर को उठाएं और टेबल जैसी आकृति बनाएं।
2. सांस को बाहर निकालते हुए धीरे—धीरे हिप्स को ऊपर की तरफ उठाएं। अपनी कुहनियों और घुटनों को सख्त बनाए रखें। ये तय करें कि शरीर उल्टे 'V' के आकार में आ जाए।
3. इस आसन के अभ्यास के दौरान कंधे और हाथ एक सीध में रहें। जबकि पैर हिप्स की सीध में रहेंगे। इस बात का ध्यान रहे कि आपके टखने बाहर की तरफ रहेंगे।
4. अब हाथों को नीचे जमीन की तरफ दबाएं और गर्दन को लंबा खींचने की कोशिश करें। आपके कान आपके हाथों के भीतरी हिस्से को छूते रहें और अपनी निगाह को नाभि पर केन्द्रित करने की कोशिश करें।
5. इसी स्थिति में कुछ सेकेंड्स तक रुकें और उसके बाद घुटने जमीन पर टिका दें और मेज जैसी स्थिति में फिर से वापस आ जाएं।
• अधोमुख श्वानासन करने से पहले ध्यान रखने वाली बातें
1. अधोमुख श्वानासन का अभ्यास सुबह के वक्त ही किया जाना चाहिए। लेकिन अगर आप शाम के वक्त ये आसन कर रहे हों तो जरूरी है कि आपने भोजन कम से कम 4 से 6 घंटे पहले कर लिया हो।
2. ये भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि आसन करने से पहले आपने शौच कर लिया हो और पेट एकदम खाली हो।
• अधोमुख श्वानासन करने में क्या सावधानी बरती जाए
ये बेहतर होगा कि अधोमुख श्वानासन का अभ्यास करने से पहले किसी प्रोफेशनल ट्रेनर या मेडिकल प्रैक्टिशनर से सलाह ले ली जाए। इस आसन का अभ्यास करने से बचें अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या हो। जैसे,
1. कार्पल टनल सिंड्रोम
2. हाई ब्लड प्रेशर
3. रेटिना में खराबी होने पर
4. कंधा उखड़ने पर
5. आंखों की केशिकाओं के कमजोर होने पर
6. डायरिया होने पर
• अधोमुख श्वानासन करने से पहले ये आसन करें
1. फलकासन
2. उत्तानासन
• अधोमुख श्वानासन करने के बाद ये आसन करें
1. शीर्षासन
2. उत्तानासन
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