Posts

सूर्य नमस्कार

Image
• सूर्य नमस्कार क्या है।     ॐ भास्कराय नमः। ॐ श्रीसवितृसूर्यनारायणाय नमः।          आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने।            आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते ॥ सूर्य नमस्कार  12  योगासनों को मिलाकर बनाया गया है। हर एक आसान का अपना महत्व है ,  इसे करने वालों का कार्डियोवस्कुलर स्वास्थ्य अच्छा रहता है ,  साथ ही शरीर में खून का संचार भी दुरुस्त होता है। सूर्य नमस्कार के जरिए आप अपना तनाव कम कर सकते हैं और इससे शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद मिलती है। यह शारीरिक तंत्र के लिए एक संपूर्ण अभ्यास है ,  व्यायाम का एक व्यापक रूप जिसके लिए किसी उपकरण की जरूरत नहीं होती। मगर सबसे बढ़कर यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो इंसान को अपने जीवन के बाध्यकारी चक्रों और स्वरूपों से आजाद होने में समर्थ बनाता है। सुबह में सूर्य के आगे झुकना। सूर्य इस धरती के लिए जीवन का स्त्रोत है। आप जो कुछ खाते हैं ,  पीते हैं और सांस से अंदर लेते हैं ,  उसमें सूर्य का एक तत्व होता है। जब ...

मकरासन

Image
• मकरासन नियमित योग के बहुत सारे फायदे हैं। योगासन से सकारात्‍मकता आती है, साथ ही यह बीमारियों को दूर कर आपको निरोग रखता है। योग का फायदा तभी मिलता है, जब आप इसे सही तरीके से करते हैं। वर्तमान में तनाव का नाता सबसे करीबी हो गया है, इसे दूर करने में सबसे अधिक प्रभावी आसन है मकरासन। इस आसन को आराम देने वाला और थकान दूर करने वाला आसान भी कहा जाता है। मकरासन संस्कृत का शब्द है जो मकर और आसन इन दो शब्दों से मिलकर बना है। यहां मकर का अर्थ मगरमच्छ (Crocodile) और आसन का अर्थ मुद्रा (Pose) है। नदी में मगरमच्छ के शांत अवस्था में लेटने की मुद्रा ही मकरासन कहलाती है। इस आसन का अभ्यास करते समय मगरमच्छ की आकृति में ही एकदम शांत मुद्रा में जमीन पर लेटना पड़ता है।  यह एक ऐसा आसन है जिसमें आंखे बंद रखकर श्वास लेने की क्रिया की जाती है, जिसके कारण यह शरीर और दिमाग को बिल्कुल शांत रखता है और डिप्रेशन, बेचैनी, उलझन, माइग्रेन और मस्तिष्क से जुड़े विकारों को दूर करता है। सिर दर्द से परेशान लोगों के लिए यह आसन दवा का कार्य करता है। स्त्रियों में कमर दर्द की समस्या को दूर करने में भी यह आसन बह...

उत्तानपादासन

Image
• उत्तानपादासन योगासन उत्तानापादासन को इसका नाम संस्कृत से मिला है जहां "उत्ताना" का अर्थ है "तीव्र खिंचाव", "पाद" का अर्थ है "पैर"और "आसन" का अर्थ है "मुद्रा"। उत्तानापादासन एक पारंपरिक योग मुद्रा है जो पेट, जांघों, पिंडलियों और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों मे खिचाव पैदा करता है। यह बहुत सारी पाचन बीमारियों में मदद करता है, जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। • उत्तानपादासन कैसे करें- उत्तानापादासन को उभरे हुए पैर की मुद्रा के रूप में भी नामित किया जाता है क्योंकि अंतिम स्थिति में पैर जमीन से ऊपर उठाए जाते हैं जिससे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। • उत्तानपादासन करने की विधि ।  फर्श पर अपनी पीठ के बल चटाई पर लेट जाये। अपने पैरो और घुटनों को एक साथ रखें। साँस लेते हुए, दोनों पैरों के पंजे और एड़ी को एक साथ स्पर्श करते हुए दोनों पैरों के पंजे को ऊपर की तरफ ले जाये । लगभग 45 से 60 डिग्री के कोण मे।  पर पैर उठाते समय घुटनों को न मोड़ें। साँस छोड़ते समय, अपने पैरों को फर्श पर वापस लाएँ। इस पक्रिया...

अधोमुख श्वानासन

Image
• अधोमुख श्वानासन अधोमुख श्वानासन को भारतीय योग में बड़ा ही अहम स्थान हासिल है। अधोमुख श्वानासन को अष्टांग योग का बेहद महत्वपूर्ण आसन माना जाता है। ये आसन सूर्य नमस्कार के 7 आसनों में से एक है।  योग की सबसे बड़ी खूबी यही है कि इसके आसन प्रकृति में पाई जाने वाली मुद्राओं और आकृतियों से प्रभावित होते हैं। योग विज्ञान ने अधोमुख श्वानासन को कुत्ते या श्वान से सीखा है। कुत्ते अक्सर इसी मुद्रा में शरीर की थकान मिटाने के लिए स्ट्रेचिंग करते हैं। यकीन जानिए, शरीर में स्ट्रेचिंग के लिए बताए गए सर्वश्रेष्ठ आसनों में से एक है।  अधोमुख श्वानासन मुख्य रूप से 3 शब्दों से मिलकर बना है। पहला शब्द है 'अधोमुख' जिसका अर्थ होता है नीचे की तरफ मुंह करना। जबकि दूसरा शब्द है 'श्वान' जिसका अर्थ कुत्ता होता है। तीसरा शब्द है 'आसन' जिसका अर्थ है बैठना। अधोमुख श्वानासन को डाउनवर्ड फेसिंग डॉग पोज भी कहा जाता है। • अधोमुख श्वानासन करने के फायदे अधोमुख श्वानासन करने से शरीर को बहुत लाभ मिलते हैं। जैसे  1. पेट की निचली मांसपेशियों को मजबूत बनाए अधोमुख श्वानासन में बनने वाली शरीर क...

उत्तानमंडूकासन

Image
• उत्तानमंडूकासन योग क़्या है? ‘उत्तान’ का अर्थ तना हुआ और ‘मंडूक’ का अर्थ मेढक होता है। उत्तानमंडूकासन की अंतिम मुद्रा में शरीर सीधे तने हुए मेढक के समान लगती है, इसलिए यह नाम दिया गया है। इस आसन में सिर को कोहनियों से थामा जाता है ताकि सिर पीछे की ओर न जाए।  अगर इसको सही तरीके से किया जाए तो इसके बहुत सारे स्वस्थ लाभ है। • उत्तानमंडूकासन योग विधि – उत्तानमंडूकासन करना बहुत आसान है।  यहां पर इसके सरल तरीके को बताया गया है जिसको अनुसरण करके इसको सही रूप में आप प्रैक्टिस कर सकते हैं। • करने का  तरीका   सबसे पहले आप वज्रासन में बैठ जाएं। दोनों घुटनों को फैलाएं। अब आप बाएं बांह उठाएं, मोड़ें और बाएं कंधे के ऊपर से पीछे ले जाकर हथेली को दाएं कंधे के नीचे रख दें। उसी तरह से अब आप  दाएं बांह को मोड़ें तथा ऊपर से लेकर जाकर हथेली को बाएं कंधे के नीचे रख दें। अपने आपको ऊपर की ओर खीचें। अपने हिसाब से इसी मुद्रा में बने रहें और धीरे धीरे इसकी अवधि को बढ़ाएं। वापस आते समय धीरे-धीरे दाईं और फिर बाईं बांह हटाएं। घुटनों को आरंभिक अवस्था म...

अर्ध हलासन

Image
• अर्ध हलासन कैसें करें और क्‍या हैं इसके लाभ  हर आसन हर शख्‍स नहीं कर सकता। उम्र, अभ्‍यास और अन्‍य कई चीजें होती हैं, जिनके चलते हम हर वो आसन नहीं कर पाते जो योगी लोग कर लेते हैं। मगर योग को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें कर किसी के लिए कुछ न कुछ है। अगर आपको कमर व पेट की दिक्‍कते हैं और आप नए अभ्‍यासी हैं तो अर्ध हलासन से लाभ उठा सकते हैं। अर्ध हलासन मोटे तौर पर उत्‍तानपादासन के जैसा ही है। उत्‍तानपादासन में पैर जमीन से करीब एक से डेढ़ फुट ऊपर होते हैं मगर इसमें पैर नब्‍बे डिग्री तक सीधे हो जाते हैं। यह आसन औरों के मुकाबले आसान है और यह आपको अन्‍य कठिन आसन करने की दिशा की ओर ले जाता है। इसका अभ्‍यास करने से आपको हलासन और उत्‍तानपादासन करने में मदद मिलेगी। • कैसे करें अर्ध हलासन- पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। हथेलियां जमीन की ओर रहेंगी और जांधों के बगल में रहेंगी। ध्‍यान रखें उन्‍हें पैरों के नीचे न दबाएं। पैरों को आपस में मिला लें और धीरे धीरे उठाते हुए नब्‍बे डिग्री तक ले आएं। जिन लोगों का पेट बाहर है उन्‍हें 80 डिग्री के बाद मशक्‍कत करनी पड़ती है। ब...